संतो की शिक्षा
संतो की शिक्षा
भारत देश साधु संतों का देश है भारत में साधु-संतों की बहुत इज्जत की जाती है साधु संत हमें कभी भी गलत शिक्षा नहीं देंगे जो अगर संत सच्चा होगा तो इसी का एक उदाहरण है संत रामपाल जी महाराज जो समाज में व्याप्त बुराइयों को शास्त्र प्रमाणित तत्वज्ञान के जरिए समाप्त कर रहे हैं
KabirisGod
संतो की शिक्षा
संत रामपाल जी महाराज ने बताया की हमारे पवित्र वेद ,गीता ,कुरान , बाईबिल, गुरु ग्रंथ साहिब आदि में पूर्ण परमात्मा कबीर देव जी को बताया गया है जो कि आज से लगभग 600 साल पहले काशी बनारस में धाणक जुलाहे की और कवि की भूमिका करते हुए 120 साल रहकर अपने निजधाम सतलोक को चले गए पूर्ण परमात्मा समय-समय पर संतो के रूप में भी इस पृथ्वी पर आकर अपना सत्य ज्ञान आमजन को देते रहते हैं
संतो की शिक्षा
️ ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में बताया है कि परमात्मा साकार है और राजा के समान है।
भारत देश साधु संतों का देश है भारत में साधु-संतों की बहुत इज्जत की जाती है साधु संत हमें कभी भी गलत शिक्षा नहीं देंगे जो अगर संत सच्चा होगा तो इसी का एक उदाहरण है संत रामपाल जी महाराज जो समाज में व्याप्त बुराइयों को शास्त्र प्रमाणित तत्वज्ञान के जरिए समाप्त कर रहे हैं
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संतो की शिक्षा
संत रामपाल जी महाराज ने बताया की हमारे पवित्र वेद ,गीता ,कुरान , बाईबिल, गुरु ग्रंथ साहिब आदि में पूर्ण परमात्मा कबीर देव जी को बताया गया है जो कि आज से लगभग 600 साल पहले काशी बनारस में धाणक जुलाहे की और कवि की भूमिका करते हुए 120 साल रहकर अपने निजधाम सतलोक को चले गए पूर्ण परमात्मा समय-समय पर संतो के रूप में भी इस पृथ्वी पर आकर अपना सत्य ज्ञान आमजन को देते रहते हैं
Supreme God is Kabir
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वह्निमरूतः गणेन।
कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्राम् अत्येति रेभन्।।17।।
भावार्थ - वेद बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि विलक्षण मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञानको अपनी कविर्गिभिः अर्थात् कबीर बाणी द्वारा निर्मल ज्ञान अपने हंसात्माओं अर्थात् पुण्यात्मा अनुयाइयों को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के द्वारा सम्बोधन करके अर्थात् उच्चारण करके वर्णन करता है। वह Supreme God is Kabir
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
शिशुम् जज्ञानम् हर्य तम् मृजन्ति शुम्भन्ति वह्निमरूतः गणेन।
कविर्गीर्भि काव्येना कविर् सन्त् सोमः पवित्राम् अत्येति रेभन्।।17।।
भावार्थ - वेद बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि विलक्षण मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञानको अपनी कविर्गिभिः अर्थात् कबीर बाणी द्वारा निर्मल ज्ञान अपने हंसात्माओं अर्थात् पुण्यात्मा अनुयाइयों को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के द्वारा सम्बोधन करके अर्थात् उच्चारण करके वर्णन करता है। वह Supreme God is Kabir
संतो की शिक्षा
️ ऋग्वेद मंडल नंबर 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में बताया है कि परमात्मा साकार है और राजा के समान है।
संत रामपाल जी महाराज ने बताया है कि जब तक हम शास्त्रों के अनुसार भक्ति नहीं करेंगे तब तक हम ना तो मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और ना ही सुखी जीवन जी सकते हैं kabir is god
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संत हमेशा दूसरों का भला ही सोचते हैं हमेशा भलाई की शिक्षा देते हैं ऐसा ही काम संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं जो समाज सुधार के बहुत ही अच्छे अच्छे कार्य कर रहे हैं जैसे दहेज प्रथा को जड़ से खत्म करना समाज में व्याप्त नशे जैसी भयंकर बुराई को जड़ से समाप्त करना और भी कई तरह की बुराइयां समाज में व्याप्त है उनको संत रामपाल जी तत्वज्ञान के जरिए समाज से समाप्त कर रहे हैं
Kabir is SupremeGod
वेदों में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा के सच्चे मंत्र की प्रप्ति के बाद भयंकर से भयंकर बीमारी भी ठीक हो जाती है। पर उस पूर्ण परमात्मा का मंत्र किसके पास है और कैसे मिलेगा? जानने के लिए पढ़िए पुस्तक ज्ञान गंगा पुस्तक को डाउनलोड करने के लिए ज्ञान गंगा पुस्तक पर क्लिक कीजिए
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